कुरआन अल्लाह की महान सत्ता को विभिन्न प्रकार से ब्यान करता हैं। पृथ्वी और आकाश मे जो कुछ भी हैं सबको उसी ने बनाया हैं। इसलिए कण-कण उसकी महान सत्ता के गीत गाते हैं और उसी की बड़ार्इ बयान करते हैं। अब यह मनुष्य की गलती हैं कि अपने जैसों को र्इश्वर बना बैठे और उनकी उपासना करने लगे। आइए कुरआन की कुछ आयतों का अध्ययन करे और अल्लाह की महान सत्ता का गुणगान करें:-
‘‘अथवा जैसे वह व्यक्ति जो एक बस्ती से गुज़रा। और वह बस्ती अपनी छतों पर गिरी हुई थी। उसने कहा: इसके मर जाने के बाद अल्लाह इस बस्ती को पुनः किस प्रकार जीवित करेगा। फिर अल्लाह ने उस को सौ वर्ष तक के लिए मृत्यु डसल दी। फिर उसको पुनः जीवित किया। अल्लाह ने पूछा तुम कितनी देर इस स्थिति में रहे। उसने कहाः एक दिन अथवा एक दिन से कुछ कम। अल्लाह ने कहा नहीं बल्कि तुम सौ वर्ष इस स्थिति में रहे हो। अब तुम अपने खाने-पीने की वस्तुओं को देखो कि वह सड़ी नहीं हैं और अपने गधे को देखो। और ताकि हम तुमको लोगों के लिए एक निशानी बना दें। और हड्डियों की ओर देखो, किस तरह हम उनका ढ़ाँचा खड़ा करते हैं, फिर उनपर माँस चढ़ाते हैं। अतः जब उस पर स्पष्ट हो गया तो उसने कहा मैं जानता हूँ कि निस्सन्देह, अल्लाह हर बात की क्षमता रखता है।’’(कुरआन 2:259)
‘‘और अल्लाह ही उत्तराधिकारी है धरती और आकाश का। और जो कुछ तुम करते हो अल्लाह उसका जानने वाला है।’’ (कुरआन 3:180)
‘‘तुम कहो, ऐ अल्लाह, साम्राज्य के स्वामी, तू जिसको चाहे सत्ता प्रदान करे, जिससे चाहे सत्ता छीन ले। और तू जिसको चाहे सम्मान प्रदान करे और जिसको चाहे अपमानित करे। तेरे हाथ में है सम्पूर्ण भलाई। निस्सन्देह तू हर चीज़ की सामथ्र्य रखता है। तू रात को दिन में प्रवेश करता है और दिन को रात में प्रवेश करता है। और तू बेजान से जानदार को निकालता है और तू जानदार से बेजान को निकालता है। और तू जिसको चाहता है बेहिसाब रिज्क देता है।’’(कुरआन 3:26-27)
"निस्सन्देह, उन लोगों ने अवज्ञा की जिन्होंने कहा कि अल्लाह ही तो मरियम का बेटा मसीह है। कहो फिर कौन अधिकार रखता है अल्लाह के आगे यदि वह चाहे कि मृत्यु प्रदान कर दे मसीह को और उनकी माँ को और जितने लोग पृथ्वी पर हैं सबको। और अल्लाह ही के लिए है साम्राज्य आकाशों और पृथ्वी का और जो कुछ उनके बीच है। वह पैदा करता है जो कुछ चाहता है और अल्लाह हर चीज़ की सामथ्र्य रखता है।’’ (कुरआन 5:17)
‘‘हे नबी, उनसे कहो, यह बताओ कि अल्लाह यदि छीन ले तुम्हारे कान और तुम्हारी आँखें और तुम्हारे दिलों पर मुहर कर दे तो अल्लाह के अतिरिक्त कौन उपास्य है जो उसको वापस लाये। देखो हम क्यों कर भिन्न-भिन्न ढंग से निशानियाँ बयान करते हैं, फिर भी वह विमुख होते हैं। ’’ (कुरआन 6:46)
‘‘उसने हर चीज को पैदा किया हैं और उसे हर चीज का ज्ञान हैं। यह हैं अल्लाह तुम्हारा प्रभु, कोर्इ आराध्य उसके सिवा नही हैं, हर चीज का स्रष्टा। अत: तुम उसी की उपासन करो और वह हर चीज का भारधारक हैं।’’ (कुरआन 6:101-102)
"हमे किसी चीज का अस्तित्व प्रदान करने के लिए इससे अधिक कुछ करना नही होता कि उसे आदेश दें हो जा’ और बस वह हो जाती हैं।’’ (कुरआन 16:40)
"अतः अल्लाह की कृपा के संकेतों को देखो वह किस प्रकार धरती को जीवित कर देता है उसके मृत हो जाने के उपरान्त। निस्सन्देह वही मृतकों को जीवित करने वाला है। और वह हर चीज पर सामथ्र्य रखता है।" (कुरआन 30:50)
"क्या यह लोग धरती पर चले फिरे नहीं कि वह देखते कि कैसा हुआ अन्त उन लोगों का जो इनसे पहले आ चुके हैं, और वह शक्ति में इनसे बढ़े हुए थे। और अल्लाह ऐसा नहीं कि कोई चीज़ उसको विवश कर दे, न आसमानों में और न धरती में। निस्सन्देह वह ज्ञान वाला है, सामथ्र्यवाला है।" (कुरआन 35:44)
"अल्लाह हर चीज़ का सृष्टा है और वही हर चीज़ का संरक्षक है। आकाशों और धरती की कुंजियाँ उसी के पास हैं। और जिन लोगों ने अल्लाह की आयतों को झुठलाया वही घाटे में रहने वाले हैं।’’ (कुरआन 39:62-63)
"आकाशों और धरती का साम्राज्य उसी का है। वही जीवन देता है और मृत्यु देता है। और वह हर चीज़ की सामथ्र्य रखता है।’’(कुरआन 57:2)
अल्लाह की महान सत्ता की ओर संकेत करने वाली कुरआन की ये कुछ आयते है, जिनसे प्रकट होता हैं कि संसार का रचयिता केवल वही हैं, इसमें उसका कोर्इ साझी नही हैं। कुरआन ने भूले हुए इस पाठ को विभिन्न प्रकार से याद दिलाया ताकि इसके द्वारा केवल अल्लाह के पूज्य (इलाह) होने को प्रमाणित किया जा सके, जो सारे नबियों की शिक्षाओं का निचोड़ हैं।
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